भागलपुर में दिखी मानवीय संवेदना, शिक्षक बहाली में आए अभ्यर्थियों को झेलनी पर रही थी काफी परेशानियां, रात गुजारने व खाने की व्यवस्था की कई संघठन व समाजसेवियों ने !
भागलपुर में दिखी मानवीय संवेदना, शिक्षक बहाली में आए अभ्यर्थियों को झेलनी पर रही थी काफी परेशानियां, रात गुजारने व खाने की व्यवस्था की कई संघठन व समाजसेवियों ने ! बिहार में बीपीएससी द्वारा 1 लाख 70 हज़ार 461 पदों पर शिक्षक बहाली निकाली गई। उस बाबत भागलपुर में भी कई परीक्षा केंद्र बनाए गए.
भागलपुर में दिखी मानवीय संवेदना, शिक्षक बहाली में आए अभ्यर्थियों को झेलनी पर रही थी काफी परेशानियां, रात गुजारने व खाने की व्यवस्था की कई संघठन व समाजसेवियों ने !
बिहार में बीपीएससी द्वारा 1 लाख 70 हज़ार 461 पदों पर शिक्षक बहाली निकाली गई। उस बाबत भागलपुर में भी कई परीक्षा केंद्र बनाए गए. भागलपुर में जितने भी परीक्षार्थी थे लगभग सभी परेशान दिखे, उनके परेशानियों का कारण था उन्हें रात गुजारने के लिए जगह नहीं मिल रही थी. सारे होटल बुक हो चुके थे, परीक्षार्थी और उसके साथ आए परिजन रात भर सड़कों पर भटक रहे थे। उनकी परेशानियों को देखते हुए कई संगठन व समाजसेवियों ने एक निर्णय लिया और उन भटकते हुए परीक्षार्थी और उनके अभिभावकों के ठहरने और खाने की व्यवस्था की, सचमुच यह कार्य मानवीय संवेदना को दर्शाता है।
बारिश के मौसम में भटकते परीक्षार्थी को देख समाज के कई लोग सामने आए। जिस परीक्षार्थी को कोई होटल या बसेरा नहीं मिला उसे सामाजिक सरोकार के लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सूचित किया कि मैं आपकी मदद को तैयार हूँ। किसी ने अपने समाज परिवार के लिए होटल के रेस्तरां को खोल कर रात गुजारने की कि व्यवस्था की, तो किसी ने अपना धर्मशाला ही फ्री कर दिया। गौरतलब हो की भागलपुर में तीन दिनों में लगभग डेढ़ लाख परीक्षार्थी और उसके परिजन पहुंचे थे।
इसी कड़ी में भागलपुर शहर में दूर दराज से आये छात्रों को परेशानी का सामना न करना पड़े, जिसको लेकर ‘बोर्ड ऑफ ट्रस्ट मस्जिद मोजाहिदपुर’ ने बीपीएससी इम्तहान में शामिल होने वाले तमाम जाती-धर्म-समुदाय के छात्र-छात्राओं को स्थानीय ‘शादी महल’ में रहने व खाने की निःशुल्क व्यवस्था की है. लगभग दो सौ से ज्यादा परीक्षार्थियों व उनके अभिभावकों को शादी महल मैरेज हॉल में निःशुल्क बेहतर सुविधाएं प्रदान की गई.
अध्यक्ष (सदर) मो.इजहारुल हक, सिकरेट्री मो. एकबाल मज़हर, निर्माण विधि व्यवस्था हाजी मो. मोकिम अहमद, उपाध्यक्ष (नाइब सदर) हाजी मो. इलियास अंसारी, सदस्य जफर अहमद, मो.खुर्शीद अहमद, मो.परवेज, मो.वसीम अहमद (वकील), एमआईएम प्रदेश सचिव संजीव सुमन तथा अन्य समाजसेवीयों ने अपना योगदान देकर गंगा-जमुनी तहजीब की मिशाल पेश की. तथा आगे भी ऐसे महत्वपूर्ण कार्यों में बढ़ चढ़ कर योगदान देने की बात कही.
इस महत्वपूर्ण कार्य को जमीनी स्तर से सफलीभूत बनाने में मो.खालिद अंसारी का अहम योगदान रहा, मो.खालिद के बेहतरीन दिशानिर्देश पर ही यह कार्य सफल हो पाया और दूर दराज से आये परीक्षार्थियों को इसका लाभ मिल पाया.